Deprecated: Required parameter $atts follows optional parameter $return_value in /home3/homereme/teleskyshopping.com/wp-content/plugins/woocommerce-jetpack/includes/shortcodes/class-wcj-shortcodes-products-crowdfunding.php on line 90

Deprecated: Required parameter $templates follows optional parameter $section in /home3/homereme/teleskyshopping.com/wp-content/plugins/woocommerce-jetpack/includes/class-wcj-checkout-custom-fields.php on line 278
उम्र का टेस्टोस्टेरोन के स्तर पर क्या प्रभाव पड़ता है? - Telesky Shopping

हर कोई यह चाहता है कि उम्र के साथ साथ अपने आप में और निखार आता जाए. पर वास्तविकता में ऐसा हो नहीं पाता. अधिकतर केसेस में इसका कारण होता है शरीर में टेस्टोस्टेरोन का घटता उत्पादन.

टेस्टोस्टेरोन वह शक्तिशाली हॉर्मोन है जो कि शरीर की कईं क्रियाओं को निर्धारित करता है. इनमें शामिल हैं:

  • कामेच्छा का प्रबंधन करना
  • शुक्राणुओं के उत्पादन को नियंत्रित करना
  • मांसपेशियों को बढ़ाना
  • ऊर्जा के स्तर को विनियमित करना

टेस्टोस्टेरोन का घटता स्तर अधिकतर लोगों के जीवन में एक
महत्वपूर्ण मामला बन जाता है. लेकिन इसे उम्र बढ़ने के अभिन्न हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए.

गर्भाशय में

जब बालक भ्रूण स्थिति में गर्भाशय में होता है, तब भी टेस्टोस्टेरोन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे कि पुरुषों के प्रजनन तंत्र का विकास होता है.

किशोरावस्था से वयस्कता के कुछ प्रथम वर्ष

किशोरावस्था से वयस्कता के कुछ प्रथम वर्षों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर सबसे ज़्यादा होता है. तरुण अवस्था में टेस्टोस्टेरोन के पहले संकेत  नज़र आने लगते हैं.

  • बालक की आवाज़ बदलने लगती है
  • कंधे चौड़े होने लगते हैं
  • चेहरे की संरचना पुरुषों जैसी होने लगती है

पर उम्र के साथ साथ, टेस्टोस्टेरोन का स्तर भी घटने लगता है, 30 साल की उम्र के बाद लगभग 1% प्रतिवर्ष की दर से.

टेस्टोस्टेरोन का निम्न स्तर को यौन समस्याओं के संधर्भ में भी देखा जाता है. इसके कुछ लक्षण हैं:

  • कामेच्छा में कमी
  • सहज उठाव में अक्षमता
  • नपुंसकता
  • कमज़ोरी
  • स्त्रियों में अनउपजाऊता

टेस्टोस्टेरोन के घटते स्तर के कुछ अन्य प्रभाव भी हो सकते हैं, जिनमें कि शामिल हैं:

  • हर समय थकावट रहना
  • खान पान और वर्जिश के इच्छानुसार परिणाम न प्राप्त होना
  • कार्य क्षमता में घटोत्तरी
  • सोने का प्रतिरूप न बन पाना
  • रागात्मिकता में बदलाव
  • शरीर में वसा की मात्रा अधिक होना
  • मांसपेशियों के विस्तार में घटाव
  • शक्तिहीनता
  • हड्डियों की सघनता में घटाव

मेडिकल साइंस की उन्नति के साथ साथ, डॉक्टर्स इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि टेस्टोस्टेरोन के घटते स्तर निम्न अव्यवस्थाओं कारण भी हो सकते हैं.

  • मधुमेह
  • उच्च रक्तचाप
  • कोरोनरी धमनी की बीमारी
  • डिप्रेशन

वैसे यह लक्षण उम्र बढ़ने के सामान्य चिन्ह भी हो सकते हैं, या फिर किसी अन्य कारण से भी प्रकट हो सकते हैं, जैसे कि:

  • दवाइयों का दुष्प्रभाव
  • अवटु ग्रंथि या फिर थाइरोइड के विकार
  • डिप्रेशन
  • मदिरा का अधिक मात्र में सेवन

इसलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण होता है कि हम शरीर में टेस्टोस्टेरोन को सही मात्रा में कायम रखें. इसका एक महत्वपूर्ण तरीका है अपने खान पान पर ध्यान देना. आप हर्बल सप्लीमेंट भी उपयोग कर सकते हैं.

पर हर्बल सप्लीमेंट स्टीरौइड्स से अलग होते हैं, और इन्हें स्टीरौइड्स के रूप में नहीं देखना चाहिए, क्योंकि हर्बल सप्लीमेंट टेस्टोस्टेरोन वर्धक नहीं होते हैं.

स्तेरोइड्स से भिन्न, हर्बल सप्लीमेंट में जड़ी बूटियाँ सही मात्रा में मिश्रित होती हैं. इससे होरमोंस संतुलित रहते हैं और शरीर के सारे तंत्र निर्धारित रूप से काम करते हैं.

अपने टेस्टोस्टेरोन स्तर को रखिए अनुकूल, स्टे औन पॉवर कैप्सूल्स के साथ. 100% हर्बल, स्टे ओन पॉवर कैप्सूल्स पूरी तरह स्टीरौइड्स और सभी दुष्प्रभावों से मुक्त हैं. ये स्त्रीओं और पुरुषों, दोनों के लिए सामान रूप से लाभदायक हैं.

स्टे औन पॉवर कैप्सूल्स को बनाया गया है उच्चतम गुणवत्ता की जड़ी बूटियों के उपयोग द्वारा, और यह एक आज़माया और परखा हुआ तरीका हैं रोग प्रतिरोधक शक्ति और आतंरिक बल बढाने का.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

X